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Showing posts from February, 2018

अंखियों के गोली से घायल होता एक मज़हब

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बीते दिनों महाशिवरात्रि और भेलेनटाईन डे के धुम-धाम के बीच एक फुल वाले की दुकान पर अचानक मेरी मुलाकात एक खुबसूरत हसीन सी लड़की से हो गई। मैं मंदिर के सजावट के लिए फुल ले रहा था, तभी सुर्ख लाल गुलाब की कलियों से खेलती उस लड़की पर मेरी नजर पड़ गई, अभी तिरछी नजर से उसे देखा ही था कि, उसने अपनी दोनों भौं को बारी-बारी से उपर नीचे करते हुए मुझे छेड़ने की कोशिश करने लगी । अब मैं ठहरा एक अदना सा पकौड़े वाला, अगर इन अंखियों के भंवर जाल में उलझनें की कोशिश करता तो अब तक पकौड़े तलते-तलते ना जाने कितनों अंखियों के समंदर में गोते लगा चुका होता और खुद पकौड़ा बन गया होता। उसकी इस हिमाकत भरी कारस्तानियों को भांप कर, जैसे-तैसे फुल लेकर वहाँ से भागा और भागा-भागा अपने दोस्तों को ये वाक्या सुना डाला। मेरे चार दोस्तों में एक दोस्त साहिल विशेष समुदाय से आता था, आधुनिक परिवेश में पले-बढ़े परंतु कट्टरपंथी विचारों से डरा हुआ, मेरे उस दोस्त ने बड़े सख्त लहजे में अपनी मर्दानगी का परिचय देते हुए हमलोगों को उससे निपटने का हुनर सिखा ही रहा था, कि इतने में वो लड़की फिर हमलोगों के नजर के सामने थी, लेकिन ये वही लड़

केंद्रीय आम बजट 2018-19 (आम बजट या चुनावी बजट)

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भारतीय राजनीति के इतिहास में मोदी सरकार का कार्यकाल कई मायनों में ऐतिहासिक कार्यकाल माना जाएगा। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने से लेकर विदेश नीति, रक्षा मसौदे से लेकर आर्थिक सुधार हेतु लिए गए जी एस टी जैसे कड़े फैसले तथा भ्रष्टाचार, आतंकवाद और हवाला जैसे टेरर फंडिग पर नकेल कसने हेतु नोटबंदी जैसे कड़े कदम उठाने के लिए मोदी सरकार का सराहनीय प्रयास भविष्य में सुदृढ़ भारत के निर्माण का आधार स्तम्भ साबित हो रहा है। इन सब से परे आज हम मोदी सरकार के कार्यकाल का पांचवा और शायद आखिरी केंद्रीय आम बजट 2018-19 पर चर्चा करतें हैं, क्योंकि अगले वर्ष मोदी सरकार अपने पंचवर्षीय कार्यकाल को पुरा कर रही है, तो लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा पर ही आम बजट की रूपरेखा तैयार हो पाएगी। मोदी सरकार के कार्यकाल की तरह ही आगामी एक फरवरी को पेश होने वाला केंद्रीय आम बजट 2018-19 भी कई मायनों में ऐतिहासिक और दिलचस्प होगा। • सरकार द्वारा जी एस टी लागू करने के बाद यह पहला आम बजट होगा। • भारत के 93 सालों के इतिहास में यह दुसरा मौका तथा जी एस टी लागू होने के बाद पहला मौका है जब रेल बजट और आम

कृषि प्रधान देश का कृषि प्रधान बजट 2018-19

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आज लोकसभा में मोदी सरकार का बहुप्रतिक्षित केंद्रीय बजट 2018 पेश किया गया। सियासी गलियारों में इस बजट को तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थें, कि इस बजट से मोदी सरकार 2019 में सम्भावित लोकसभा चुनाव पर साधने की कोशिश करेंगे। कुल मिलाकर सियासी गलियारों से लेकर आम आदमी तक के बीच यह बजट चुनावी और लोक-लुभावन होने का दावा किया जा रहा था, लेकिन इन तमाम कयासों और अफवाहों को धत्ता बताते हुए मोदी सरकार ने अपने "सबका साथ सबका विकास" के मंत्र वाले चिर-परिचित कार्यशैली को कायम रखते हुए ग्रामीण भारत, किसानों और समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को समर्पित बजट पेश कर विपक्षियों में खलबली मचा दी। एक कृषि प्रधान देश, जिसकी लगभग 3/4% अबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हो उसे समाज के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए, 70 सालों के इतिहास में आज पहली बार किसी सरकार द्वारा पेश किया गया बजट मुख्य रुप से किसानों और ग्रामीण भारत के विकास के नाम रहा । ज्ञात हो कि मौजूदा सरकार ने कृषि, किसान और ग्रामीण भारत के अलावा कमोबेश हर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया है । [ ] किसानों के लिए कई राहत भरी घो