रोहिन्ग्या मुसलमान "शरणार्थी" या "रिफ्यूजी जिहाद" की साजिश ?

हम भारतीय मानसिक रूप से इतने उदारवादी और भावुक होते हैं, की जब भी कोई अतिथि हो या असहाय हमारे यहाँ आते हैं, उसे हम अपना सिरमौर बना लेते हैं, क्योंकि हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार, हमारी सभ्यताएं ये हमें हमारे पूर्वजों से विरासत में मिली है। “अतिथि देवो भव:” हमारा मूल मंत्र भी है और धर्म भी है।
हमारा देश पहले की तरह आज भी विविधताओं से भरा देश है जहां हर धर्म, हर मजहब के लोग रहते हैं।

इसी खूबियों के कारण हमारे देश पर अनेकों विदेशी आक्रमणकारियों ने अपना प्रभुत्त्व स्थापित करने की कोशिश की, तथा कुछ ने लम्बे अर्से तक शासन भी किया।

हमारे देश पर सबसे पहले आक्रमण करने वाले आक्रांता (बैक्ट्रिया के ग्रीक राजा, इन्हें भारतीय साहित्य में यवन के नाम से जाना जाता है।) से लेकर मुगलों ने, सिकंदर से लेकर वास्कोडिगामा तक सब अपने अपने तरीके और सहुलियत के हिसाब से हमारे देश में आएँ और धीरे-धीरे यहाँ की धरोहरों पर अपनी काली नज़र गाड़ लूटने की साजिश रचे और लूटते रहें।

आज फिर हमारे देश में बहुत ही सुनियोजित तरीके से रोहिन्ग्या मुसलमानों को शरणार्थी बना हमारे देश भेजे जाने की एक साजिश रची जा रही है, जिसे हम, आप और हमारी सरकार समझ नहीं पा रहे हैं। जिसे हमें समझना होगा।

वर्तमान में  रोहिन्ग्या मुसलमान की स्थिति :-

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आज भारत में शरणार्थियों के रुप में आने वाले इन रोहिन्ग्या मुसलमानों की संख्या लगभग 60 हजार के आसपास है, लेकिन वर्तमान समय में वास्तविक रूप से इनकी संख्या लाखों में है।
जान कर ताज्जुब होगा कि बर्मा और म्यांमार से चलकर बंगलादेश सीमा के रास्ते बंगाल में शरण लेने वाले ये रोहिन्ग्या मुसलमान आज आपको दिल्ली, मुम्बई, हरियाणा समेत पुरे देश में मिल जाएंगे। ताज्जुब तो इस बात का है कि एक सामान्य नागरिक की तरह इनके पास भी आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड भी बने हुऐ हैं।
5 साल पहले इस देश में पनाह लेने वाले इन रिफ्यूजियों ने इन 5 सालों में 4 बच्चे भी पैदा कर लिए और अब उनका दावा है कि अब वो यही रहेंगे।
कहने से गुरेज नहीं होना चाहिए कि ये आज नागरिकता का दावा कर रहे हैं, कल जमीन हड़पेंगे, फिर "भारत तेरे टुकड़े होंगे"
का नारा लगाने वालों की भीड़ में शामिल हो नारा लगाएँगे और फिर अलगाववादी बन के हमारी फौज पर पत्थर फेकेंगे।

शरणार्थी या साजिश :-

यहाँ हमें कुछ बातों को समझना होगा, कि दुसरे देशों में मार-काट मचा के भागने वाले इन लोगों को हमारे देश में प्रवेश कैसे करने दिया गया, और अगर ये प्रवेश कर भी गए तो इनके आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड कैसे बन गए? इसकी जाँच अभी तक क्युं नहीं हुई? यह एक बहुत ही गम्भीर, अतिसंवेदनशील और देश के आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा सवाल है। कुछ सवाल और भी हैं जिसे हमें सिर्फ समझना ही नहीं वरन एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते  सरकार से जवाब मांगने का अधिकार ही नहीं कर्तव्य भी है।

:- आखिर ये रिफ्यूजी इतनी संख्या में सीमा पार कर हमारे देश में कैसे आ गए?

:- क्या इन्हे वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सुनियोजित तरीके से पनाह दिया गया?

:- चलो मान भी लिया कि यह सब सुनियोजित तरीके से हो रहा था, तो 

राज्य सरकार से जवाब क्युं नहीं माँगा जा रहा?

:- आखिर क्या कारण है कि ये रिफ्यूजी लोग किसी अन्य इस्लामिक देशों में ना जाकर भारत का ही रुख कर रहे हैं?

शरणार्थी के भेष मे रिफ्यूजी जिहाद :-

दरअसल ये मुस्लिम कट्टरपंथियों का एक नया "जिहाद" है, "रिफ्यूजी जिहाद" जो पुरे विश्व में इस्लामवाद का प्रभुत्त्व स्थापित करने वाले कट्टरपंथी जिहादीयों द्वारा लगातार असफल हो रहे जिहादी लडाई का नया संस्करण है, क्युंकि ये इस्लामी कट्टरपंथी आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो चुके है।
इस रिफ्यूजी जिहाद में इस्तेमाल किए जा रहे रोहिन्ग्या मुस्लिमों को भी नहीं पता है कि वो एक "रिफ्यूजी जिहाद" का हिस्सा बन चुके हैं। जिसे सिया और सुन्नी के नाम पर लड़ा कर दुसरे देशों में अपना साम्राज्य स्थापित करनेके लिए विवश किया जा रहा है।
लेकिन इनके आकाओं को जो पूरी दुनिया में कट्टरपंथी इस्लाम का प्रभुत्त्व स्थापित करना चाहते हैं उन्हें पता है कि ये जहाँ भी जाएँगे हमारी ही लड़ाई लडेंगे।

ये रिफ्यूजी सिर्फ भारत में ही नहीं शरणार्थि बन के आ रहे, बल्कि हर उस पश्चिमी देशों की तरफ भी रुख कर रहे हैं जहाँ यहूदियों, ईसाईयों और हिन्दुओं की बहुलता आधिक है।
जैसे सीरिया से भागा मुसलमान सऊदी अरब और ईरान न जाकर इंगलैंड और यूरोप की रुख करते हैं, उसी तरह ये रोहिन्ग्या मुसलमान बंगलादेश, पकिस्तान और अन्य इस्लामिक देशों की तरफ न जाकर धीरे-धीरे भारत और नेपाल में अपनी जनसँख्या बढा रहे हैं।
इस जिहाद की सबसे बड़ी "खासियत कह लो या समस्या" यह है कि इसमें हथियार के लिये किसी गोला बारूद का नहीं बल्कि मासूम भूखे नंगे बच्चे, मजलूम औरतें और लाचार बेबस मर्दो को
इस्तेमाल किया जा रहा है,
क्युंकि उन्हें हमारा इतिहास और संस्कृति का पता है, उन्हे ये भी पता है कि किस प्रकार हमारे देश में विदेशि अंग्रेजो ने चाय और मसाला बेचने (वस्कोडिगामा) के बहाने आया और धीरे-धीरे पुरे भारत पर अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया।

आज भी वही हो रहा है, ये रिफ्यूजी रोहिन्ग्या मुसलमान हमारे इसी उदारवादि नीति का फायदा उठा रहे हैं। उन्हें पता है भारत से मुफीद जगह दुनिया में कहीं भी नहीं है क्युंकि यहाँ सेकुलरिज्म के पुजारियों की पूरी जमात है उनका बचाव करने के लिए।
इन्हीं कमजोरियों का फायदा उठा ये रिफ्यूजी ऐसे ही दो, चार, दस करके आ गए और आज लाखों की संख्या में अपनी आबादी बना ली है।
अगर समय रहते सरकार इन रिफ्यूजीयों को ले कर कोई ठोस कार्यवाही नही करती है, तो निकट भविष्य में हमें गृह युद्ध जैसे हालातों से सामना करना पड़ सकता है।

सरकार को बंगलादेश, नेपाल और भूटान के खुले सीमाओं की सुरक्षा के बारे में सन्शोधात्मक कार्यवाही करने की जरुरत है।
क्योंकि खुले सीमाओ से ही आतंकी गतिविधियां, घुसपैठ, हथियारों, पशुओं और मानव तस्करी जैसे गैरकानूनी काम को अंजाम दिया जता है।
इन रोहिन्ग्या मुसलमानों का इतनी संख्या में प्रवेश करना इन्ही
कमियों का नतीजा है।

किसी भी लेख में भूलचूक होना स्वाभाविक है - कृपया लेख को पढ़कर अपने सुझाव और परामर्श अवश्य देवे - यदि कोई त्रुटि रह गयी हो तो क्षमा करे।

Comments

  1. Isliye kehte h ki hm hindun ko ek hokr Bjp ko vote dena chahiye... qki hindun ki only ek hi Party h wo h bjp... baki sp Bsp Congress sb sale Muslim Muslim krti h....
    Ek Hindu mar jaye toh kch nhi
    Aur agr ek muslim aatankbadi mar jaye toh sale drama...
    Us ko q mara gya
    50 ques krte ye dovle deshdrohi

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  2. एकदम सटीक विषय वस्तु को बखूबी सही दिशा दिया गया है काफी सराहनीय लेख
    धन्यवाद

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